जीडीसीसी बैंक चुनाव: बैंक के उपाध्यक्ष और सचिव के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई…

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प्रतिनिधि।
गोंदिया। राजनीति में अपना पलड़ा भारी रखने सारे हथकंडे अपनाकर लड़ी जा रही वर्चस्व की लड़ाई अब चरम सीमा पर पहुँच गई है। चुनाव को अब मात्र 8 दिन शेष रह गए है। ऐसे में जैसे जैसे दिन कम होते जा रहे है उम्मीदवार के दौरे भी बढ़ते जा रहे है।
विशेष है कि जीडीसीसी बैंक चुनाव में 20 प्रतिनिधी सदस्यों में 3 सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हो चुके है। ईनमें बैंक अध्यक्ष राजेंद्र जैन, प्रफुल्ल अग्रवाल और देवरी के प्रमोद संगीडवार का समावेश है। अब जो लड़ाई होने जा रही वो 17 बैंक प्रतिनिधि हेतु लड़ी जा रही है जिसके लिए 37 उम्मीदवार मैदान में है।
37 उम्मीदवारों में दो उम्मीदवार ऐसे है जो बैंक के उपाध्यक्ष और सचिव रहे है और साथ में बैंक का कामकाज संभाला है। मजे की बात तो ये है कि दोनों एक ही तहसील से ताल्लुक भी रखते है।
हम बात कर रहे है वर्तमान में बैंक के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मतदाता गट से सहकार पैनल से दूरदर्शन टीवी लेकर चुनाव लड़ रहे बैंक के सचिव डॉ. अविनाश जायसवाल और परिवर्तन पैनल से ट्रैक्टर लेकरचुनाव लड़ रहे बैंक के उपाध्यक्ष राधेलाल पटले की। इन दोनों के बैंक चुनाव में इस गट से एक दूसरे के विरुद्ध आमने सामने होने से चुनाव रोमांचित हो गया है।
हम अगर इनके पिछले रेकॉर्ड को देखते है तो डॉ. अविनाश जायसवाल वर्ष 2005 में बैंक का चुनाव लड़े और जीते। सांसद प्रफुल्ल पटेल और पूर्व विधायक एवं बैंक के अध्यक्ष राजेंद्र जैन के नजदीकी और विश्वासु होने से उन्हें 2005 में बैंक का सचिव बनने का गौरव प्राप्त हुआ।
डॉ. अविनाश जायसवाल बैंक सचिव के अलावा तिरोड़ा नगर परिषद के दो बार अध्यक्ष और 20 साल पार्षद रहे। वे कृषि उत्पन्न बाजार समिति में 15 साल संचालक और 1 बार सभापति रहे। उनका पूरा राजनीतिक सफर राष्ट्रवादी कांग्रेस और सांसद प्रफुल्ल पटेल व राजेंद्र जैन के नेतृत्व में रहा।
हम अगर बैंक के उपाध्यक्ष राधेलाल पटले की बात करें तो वे आज 72 वर्ष के राजनीति के सक्रिय नेता के रूप में सामने है। वे कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता है जो प्रदेश कमेटी के सदस्य और जिला सहकार सेल के जिलाध्यक्ष है। उन्होंने वर्ष 2011 में जीडीसीसी बैंक के उपाध्यक्ष बनने का गौरव प्राप्त किया। वे तिरोड़ा कृषि उत्पन्न बाजार समिति के दो बार संचालक निर्वाचित हुए और बैंक के ओबीसी गट से 13 साल बाद दूसरी बार चुनाव लड़ रहे है।
बैंक के ओबीसी गट हेतु कुल 894 मतदाता है जो अपने मतदान का उपयोग करेंगे। 29 जून को होने जा रहे चुनाव हेतु सहकार विरुद्ध परिवर्तन पैनल आमने सामने है। उपाध्यक्ष और सचिव की इस चुनावी जंग को राजनीति में वर्चस्व और प्रतिष्ठा की लड़ाई माना जा रहा है। अब देखना ये दिलचस्प होगा कि इसमें मतदाता किस करवट अपना रुझान देते है।

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