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प्रतिनिधि। 16 अप्रैल
गोंदिया। एक तरफ सरकार करोड़ो रूपये विकास कार्यो में खर्च करती दिखाई देती है, वही स्वास्थ्य सेवा के पहिये अगर छोटी सी निधि से लड़खड़ा जाए तो आप क्या कहेंगे? गोंदिया महिला जिला रुग्णालय की जीवनदायिनी एम्बुलेंस के पहिये डीजल के लिए निधि नही मिलने से थम गए है। ये गंभीर मामला एम्बुलेंस सेवा बाधित होने से स्वास्थ्य विभाग की अकर्मण्यता पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।
ये मामला उस समय उजागर हुआ, जब एक प्रसूता महिला की जिला महिला अस्पताल में मौत हो गई। आरोप लगाए गए कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण महिला की जान चली गई। उसी दौरान ये बात सामने आई कि अस्पताल में 3 एम्बुलेंस शेड के नीचे धूल खा रही है।
जब इन एम्बुलेंस के बारे में अस्पताल प्रशासन से पूछा गया तो पता चला कि, स्वास्थ्य विभाग की ओर से पिछले 6 माह से ईंधन के लिए निधि प्राप्त नही हुई, जिसके चलते एम्बुलेंस जगह पर खड़ी है।
बताया गया कि एक मरीज के पीछे ढाई सौ रुपये अनुदान मिलता है। ये अनुदान अत्यंत कम होकर समय पर नही दिया जाता जिसके चलते ईंधन भरने अस्पताल प्रशासन के पास पैसे नहीं है। इस समस्या को लेकर अनेक बार पत्र व्यवहार किया जा चूका है बावजूद कोई सुध नही ली गई। अगर जल्द ही अनुदान निधि नही मिली तो और भी एम्बुलेंस के पहिये थम सकते है।
इन एम्बुलेंस के पहिये रुक जाने से दूरदराज से जिला महिला अस्पताल आने वाले मरीजों को निजी वाहन कर मुख्यालय आना पड़ता है जिसका खर्च वे स्वयं वहन कर रहे है। ये हालात कब सुधरेंगे इसे लेकर अबतक कोई समाधान कारक जवाब नही मिल पाया है।