कल 22 सितंबर की सुबह 10 बजे के करीब नागझिरा अभयारण्य परिसर के मंगेझरी मार्ग पर स्थित नागदेव पहाड़ी के पास, कक्ष क्रमांक-96 परिसर में टी-9 टाइगर के घायलावस्था में गश्त कर रहे वन विभाग के कर्मीयों के संज्ञान में आई थी। जांच में ये बात सामने आयी की उक्त बाघ की किसी दूसरे बाघ से हुई अस्तित्व की लड़ाई में घायल होने की वजह से मौत हुई।
इस घटना को अभी कुछ घँटे ही बीते थे कि आज फिर सुबह गश्त कर रहे कर्मियों से खबर मिली की कक्ष क्रमांक 99 परिसर में एक शावक बाघ भी मृत अवस्था में पड़ा हुआ है। इस खबर से वन अधिकारियों के कान खड़े हो गए, और इस घटना से हलचल मच गई।
आज जिस शावक बाघ का शव मिला उसकी उम्र करीब 22-23 माह की है। ये शावक टी-4 बाघिन का शावक था। टी-4 बाघिन एवं उसके चार शावक बाघ नवेगाव-नागझिरा वन्यजीव बाघ प्रकल्प में पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे है। इस शावक की मौत से वन्यजीव पर्यटकों में निराशा देखी जा रही है।
कहा जा रहा है कि, जंगल परिसर में नए टाइगर का आगमन हुआ है। जंगल का इतिहास है कि एक परिसर में एक ही टाइगर रह सकता है। बस इसी अस्तित्व की जंग में नए टाइगर ने टी-9 बाघ और शावक बाघ की संघर्ष में जान लेकर अपना राज कायम कर लिया है।
बहरहाल, वन अधिकारियों, डॉक्टरों एवं वन्यजीव रक्षक, वन्यजीव प्रेमी संगठनो के पदाधिकारियों की मौजूदगी में इस शावक का शव विच्छेदन कर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।