गोंदिया: दानवीर कुँवर तिलकसिंह नागपुरे के नाम के आगे “शहीद” लगायें – विधायक विनोद अग्रवाल

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कुँवर तिलकसिंह नागपुरे की 114 वीं जयंती पर “स्मृति भवन” का भूमिपूजन किया विधायक विनोद अग्रवाल ने

प्रतिनिधि / गोंदिया
कुँवर तिलकसिंह नागपुरे की 114वीं जयंती कार्यक्रम के अवसर पर उनके सामाजिक कार्यों एवं जनकल्याणकारी कार्यों के बारे में आम जनता को जानकारी देना अति आवश्यक है। कुँवर तिलकसिंह का कार्य “मरावे परी कीर्ति रूपे उरावे” की उक्ति पर चरितार्थ होता है।

जब पूरे महाराष्ट्र से दानदाताओं के नाम निकाले जाएंगे तो शीर्ष 10 दानदाताओं में तिलक सिंह का नाम होगा। 2 हजार से ज्यादा जमीनें समाज और सेवा के लिए समर्पित की गई हैं। अगर आज के समय में इस जमीन की कीमत का अनुमान लगाया जाए तो यह 500-700 करोड़ रुपये तक होगी। इतनी बड़ी संपत्ति दान करने का साहस रखने वाले समाज सुधारकों के कार्यों को जन-जन तक पहुंचाना समय की मांग है और तिलक सिंह का कार्य उन समाज सुधारकों के लिए प्रेरणा है जो भविष्य में सामाजिक क्षेत्र में काम करना चाहते हैं।

विधायक विनोद अग्रवाल ने कहा कि उनके सम्मान के तौर पर उनके नाम के आगे ‘शहीद’ लगाना उनकी सामाजिक और निस्वार्थ सेवा को दुनिया के सामने लाने का काम है. वह तिलक सिंह की जयंती के अवसर पर केटीएस जिला सामान्य अस्पताल में “कुंवर तिलक सिंह नागपुरे स्मृति भवन” के भूमिपूजन कार्यक्रम में बोल रहे थे।

इस भवन में कुँवर तिलक सिंह के जीवन की घटनाओं और साहित्य से संबंधित साहित्य प्रदर्शनी के लिए रखा जाएगा। इसके अलावा विधायक विनोद अग्रवाल ने उनके जीवन कार्यों पर एक पुस्तक प्रकाशित कर इस कार्य में आवश्यक सहयोग देने का भी वादा किया और समाज से उनके कार्यों को जनता के सामने उजागर करने की अपील की।

इस अवसर पर विधायक विनोद अग्रवाल, कुँवर तिलक सिंह के परिजन, पृथ्वीराज सिंह नागपुरे, इंद्रराज सिंह नागपुरे, चैतराम सिंह नागपुरे सह कामठा, फुलचूर आणि हिरडामाली येथील नातेवाईक, माजी नगराध्यक्ष कशिश जयस्वाल, माजी न.पा. उपाध्यक्ष शिव शर्मा, अधिष्ठाता अमरीश मोहबे, अनिल हुंदानी, राजीव ठकरेले, खेमलाल माहुले, विक्की बघेले, नंदकिशोर बिरनवार, निरज नागपुरे, सुरेश लिल्हारे, आशिष नागपुरे, आशिर्वाद लिल्हारे, चैताली नागपुरे, निर्मला पतैहे, गिता लिल्हारे, पुष्पा नागपुरे, मनीषा अटराहे, योगिता लिल्हारे, रिना नागपुरे भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सुरेश लिल्हारे और धन्यवाद ज्ञापन टीटूलाल लिल्हारे ने किया।

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