भंडारा के प्रीतम राजाभोज 81 बार रक्तदान कर महाराष्ट्र में दूसरे नम्बर के रक्तदूत, राज्यपाल के हस्ते हो चुके सम्मानित

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एक शख्सियत ऐसी भी जिसने समाजसेवा के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया, जिते जिते रक्तदान जाते जाते नेत्रदान संकल्प

भंडारा:-एक ऐसा व्यक्ती जो किसी पहचान के मोहताज नही जिसने अपने काबिलियत पर अपनी खुद की पहचान बनाई। आज हम बात करेंगे  प्रीतम राजाभोज की, जिसने महाराष्ट्र राज्य के भंडारे जिल्हे के एक छोटे से टाकळी गाव में जन्म लेकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। प्रीतम राजाभोज ने अपने जीवन काल मे 81 बार रक्तदान किया इनका सन्मान महाराष्ट्र के राज्यपाल के हस्ते किया गया। प्रफुल पटेल, नाना पटोले, भंडारा के जिल्हाधिकारी, गोंदिया के जिल्हाधिकारी, इस एरिया के आमदार, खासदार,जिल्हा युवा पुरस्कार ने सन्मानपत्र देकर सन्मान किया

साक्षात्कार के शब्द:- प्रीतम राजाभोज ने साक्षात्कार मे बताया की पुरे भारत देश मे रक्त की कमी हर जगह होती है क्यूकी रक्त कि कोई फॅक्टरी नहि होति है और नाही किसी कंपनी मे रक्त बनाया जाता है रक्त सिर्फ मानव के शरीर मे ही बनता है और हम रक्तदान करके मानव सेवा मे अपना अमूल्य योगदान दे सकते है!
विदर्भ मे हर जगा कॅम्प ऑर्गनाइज करी रेड क्रॉस सोसायटी भंडारा,कलार समाज, मारवाडी, गुजराती,जैन समाज, सिंधी समाज,पंजाबी समाज लांयन्स क्लब,भंडारा गोंदिया के जरीये रक्तदान जागरूकता अभियान चलाया!अभी तक पुरे महाराष्ट्र मे रक्तदान मे दुसरा क्रमांक लगता है प्रीतम राजाभोज के प्रयासो से अभी तक जागरुकता अभियान मे 10,000 से ज्यादा डोनर तयार हो चुके है! 100 से अधिक रक्तदान शिविर आयोजित किया, सिकल सेल, थैलेसिमिया के मरीजों को लिऐ नियमित रूप से रक्तदान करते हैं
जिवन परिचय:- प्रीतम राजाभोज एलआयसी और हेल्थ इन्शुरन्स मे प्रतिनिधी के पद पर कार्यरत है!
इनके साथ इनकी इनकि जीवन संगिनी शालिनी राजाभोज महिला सशक्तिकरण अभियान के अंतर्गत इनके मार्गदर्शन कर कमलो पर चलते हुए अभी तक 26 बार रक्तदान कर चुकी है इनका एक बेटा पुलकित राजाभोज भी इसी पथ पर चलने के लिए तयार है!

संकलन:- तुषार कमल पशिने (पत्रकार तुमसर)

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