प्रतिनिधि।
गोंदिया। एक निजी दौरे पर गोंदिया आये पीपल्स रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रा. जोगेंद्र कवाड़े यहां पत्रकारों से रूबरू हुए।
सवांददाताओं से भेंट करते हुए पीरिपा प्रमुख जोगेंद्र कवाड़े ने सबसे पूर्व बेमौसम बारिश पर किसानों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की। उन्होंने कहा, संकट और महंगाई की मार झेल रहा किसान बेमौसम बारिश से आर्थिक संकट में है। वर्तमान में कृषि उत्पन्न बाजार समिति के चुनावों में नए संचालक मंडल का चयन किसान सहकार क्षेत्र के मतदाताओं द्वारा हुआ है। मेरी आशा है कि संचालक मंडल किसानों के हित में कार्य करेगा।
श्री कवाड़े ने कहा, कृषि उत्पन्न बाजार समिति किसानों के उपज की बिक्री का बड़ा क्षेत्र है। इन मंडियों में किसानों के निवास की व्यवस्था, उपज को बेहतर भाव मिले यही संचालक मंडल की जवाबदारी होनी चाहिए।
राज्य में स्थापित शिंदे-फडणवीस सरकार के कार्यों पर जवाब देते हुए श्री कवाड़े ने कहा, राज्य की शिंदे सरकार जनता के लिए ततपरता से कार्य करने वाली लोकांभिमुख सरकार है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का कार्य करने का तरीका, त्वरित निर्णय लेने की जो सोच है उससे राज्य सुखी महाराष्ट्र, आंनदित महाराष्ट्र की ओर कदम बढ़ा रहा है।
कवाड़े ने कहा, हम पूर्व में महाविकास आघाडी सरकार के साथ गठबन्धन में रहें। सरकार के सत्ता में आने तक हमारे पक्ष को दोस्त बनाकर रखा, पर सत्ता प्राप्त करते ही उपेक्षा जारी रही। यहां तक कि उपराजधानी नागपुर में विश्वरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की बौद्ध दीक्षा के दौरान उनके स्मरण में निर्माण किया गया डॉ. बाबासाहब आंबेडकर सांस्कृतिक भवन को तोड़कर अंबाझरी तालाब उद्यान को पर्यटन हेतु एमटीडीसी के हवाले कर बौद्ध धर्म के साथ अन्याय किया गया।
कवाड़े ने कहा, उद्धव सरकार से बार बार अनुरोध करने व मामला संज्ञान में लाने के बावजूद सरकार ने ध्यान नहीं दिया। यही कारण है कि पीरिपा को महाविकास आघाडी से नाता तोड़ना पड़ा। आज हम बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना “शिंदे गुट” के साथ मिलकर कार्य कर रहे है। हमारा पक्ष राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार के साथ है। हमनें राज्य के संघर्षशील, जमीन से ऊपर उठकर आये मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कार्य का तरीका देखा है। वो तत्काल निर्णय लेने वाले मुख्यमंत्री है। डॉ. बाबासाहब आंबेडकर सांस्कृतिक भवन का मामला हमने सीएम के संज्ञान में लाया है तथा भवन निर्माण की मांग की है।
जोगेंद्र कवाड़े ने कहा, आगामी 2024 में होने वाले लोकसभा, विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनाव, हम शिवसेना-बीजेपी के गठबंधन के साथ मिलकर लड़ेंगे। हमनें सरकार का राज्य में दलित, बौद्ध, आदिवासी पर बढ़ रहे अत्याचार पर ध्यानकेन्द्रित कर बढ़ते मामलों पर कमी लाने योग्य कदम उठाने की मांग की है।
पत्रकारों द्वारा राज्य में शिंदे-फडणवीस सरकार पर उठ रहे राजनीतिक मामलों पर एवं मुख्यमंत्री बदलने के सवाल पर जोगेंद्र कवाड़े ने कहा, जो बयान आ रहे है उनमें बकवास ज्यादा है। कुछ निराशावादी राजनीतिक लोग उलजुलूल बाते मीडिया के माध्यम से फैलाकर भ्रम पैदा कर रहे है। राज्य में शिंदे-फडणवीस सरकार का गठबंधन मजबूत है। भाजपा कभी शिंदे गुट के साथ विश्वासघात नहीं करेंगी। सरकार संपूर्ण कार्यकाल पूर्ण करेंगी।
शासकीय रेस्ट हाउस में परिषद के दौरान पीरिपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जोगेंद्र कवाड़े के साथ पक्ष के गोंदिया-भंडारा प्रभारी महेंद्र नागदिवे, गोंदिया जिलाध्यक्ष राजू भेलावे, महासचिव राजेन्द्र लाडे, नागेश बड़गे, भंडारा कार्याध्यक्ष विजय रामटेके, कोल्हे सर, जियालाल पटले, विनोद मेश्राम, सुंदर लिल्हारे, जय मेश्राम, लाला प्रजापति, रॉबिन भवरजार, अरुण सागर-नागपुर, रवि बानमारे-नागपुर, सुनील भालाधारे, सुंदर बंसोड, हिवराज भवसार, उकेजी, सुनील हरिनखेड़े आदि उपस्थित रहे।