गोंदिया : अक्सर यह बात सुनने मिलती है कि रक्तदान एवं नेत्रदान सबसे बड़ा दान है. बहुत से लोग रक्तदान करते हैं. लेकिन बहुत कम लोग नेत्रदान करने का निर्णय लेते हैं. जिलाधिकारी चिन्मय गोतमारे ने 23 मार्च को कृषि महोत्सव में नेत्रदान का संकल्प लिया.
केटीएस सामान्य अस्पताल की ओर से कृषि महोत्सव में नेत्रदान जागरूकता स्टॉल लगाया गया. इस स्टॉल पर चिकित्सक नागरिकों को नेत्रदान का महत्व समझा रहे थे. हम मरने के बाद नेत्रदान कर अन्य व्यक्ति के माध्यम से संसार को देख सकते हैं. जहां-जहां रक्तदान, वहां-वहां नेत्रदान – देहदान का मूलमंत्र डॉक्टरों द्वारा लोगों को बताया गया.
जिला परिषद अध्यक्ष पंकज रहांगडाले एवं जिलाधिकारी चिन्मय गोतमारे ने इस स्टॉल का अवलोकन किया. जिलाधिकारी ने स्वेच्छा से नेत्रदान आवेदन पत्र भरकर नेत्रदान करने का संकल्प लिया. यह संकल्प औरों के लिए मिसाल है. रक्तदान, नेत्रदान, शरीर दान करना, दूसरों को सलाह देते हुए शुरूआत खुद से करना बहुत जरूरी है. जिलाधिकारी ने स्वयं से इसकी शुरूआत कर समाज के सामने एक मिसाल पेश की है, जिसकी सराहना की जा रही है.
एक वर्ष की आयु से कोई भी व्यक्ति मरणोपरांत नेत्रदान कर सकता है. फूड पॉइजनिंग से ग्रसित व्यक्ति, गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति नेत्रदान नहीं कर सकता है. नेत्रदान की प्रक्रिया आसान है और आंख निकालने की प्रक्रिया महज पंद्र्रह से बीस मिनट में पूरी हो जाती है. चश्मा लगा व्यक्ति, मधुमेह रोगी या मानसिक रोगी व्यक्ति नेत्रदान कर सकता है. जिलाधिकारी चिन्मय गोतमारे ने मृत्यु के बाद नेत्रदान करने की इच्छा रखने वालों से राष्ट्रीय अंधत्व नियंत्रण कक्ष केटीएस सामान्य अस्पताल गोंदिया में संपर्क करने की अपील की है.