प्रतिनिधि।
आमगांव। आजकल जनप्रतिनिधि सरकारी तौर पर मंजुर हुये कामों का भुमिपुजन/ लोकार्पण करने को ही प्रयास बताने में मस्त है। जबकि क्षेत्र में कई वर्षों से खस्ता एवं जर्जर हो चले पुलिया तथा मार्गो की हालतों पर जनप्रतिनिधि अपनी कृपादृष्टि दिखाने में पीछे दिखते नजर आते है।
बताया गया है कि स्थानिय सार्वजनिक बांधकाम ( रोहयों, ) उप विभाग के अन्तर्गत सालेकसा / दरेकसा मार्ग पर स्थित यहाँ से 2 कि, मी, दुरी पर बाघ नदी का वर्षों पहले बना पुलिया है अपनी बदहाली के आंसू बहा रहा है। ये पुलिया व्यस्त सड़क मार्ग पर होने के बावजूद खतरे की घँटी बजा रहा है पर इसकी सुध लेने जनप्रतिनिधि सुस्त है। बताते है कि बाघ नदी पर पुलिया का निर्माण विगत 1971 / 72 में होने का अनुमान है। पुलिया पर लगी भुमिपुजन / लोकार्पण की प्लेट नदारद है।
सामाजिक कार्यकर्ता हर्षल विश्वनाथ मानकर ने बताया है कि पुलिया के पिल्लर के जॉइन्ट में बड़ी बड़ी दरारें पड़ गयी तथा ज्वाईड के निचे लगे लोहे के चादर उपर आ गये है। उक्त पुलिया की मरम्मत शिघ्र नही की गयी तो बड़ी लोडेड वाली वाहन जाने पर कभी भी पुल को नुकसान होने व बड़ी अनहोनी होने की प्रबल संभावना से नकारा नहीं जा सकता।
सरकार के पास प्रपोजल प्रलंबित..
सार्वजनिक बांधकाम ( रोहयों) उप विभाग के सुत्र के अनुसार सालेकसा मार्ग के बाघ नदी का पुलिया जिर्ण हो गया है। पुलिया की मरम्मत करने या नया पुलिया निर्माण करने, ऐसे दो प्रपोजल सार्वजनिक बांधकाम मंत्रालय ( महाराष्ट्र सरकार) मुंबई, को भेजा गया है, किन्तु चार वर्ष हो चुके है उक्त प्रपोजल मंजुर नही हुआ है।
गौरतलब है कि राज्य में शिंदे-फडणवीस की सरकार है।क्षेत्र के सांसद अशोक नेते भाजपा के कद्दावर नेता है एवं इस क्षेत्र में भाजपा के कई ऐसे बड़े नेता है जो ये कार्य करवा सकते है। इसके अलावा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक सहसराम कोरोटे भी प्रभावशील नेता होने के बावजूद पुलिया का कार्य लटका होना बड़ी शोकांतिका है।