युवाओं की आवाज, गैरराजनीतिक संगठन ने स्वास्थ्य, शिक्षण, पंचायत व भ्रष्ट अधिकारियों के कार्य प्रणाली पर उठाएं सवाल..

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पत्र परिषद लेकर लगाएं गंभीर आरोप, स्कूलों की फीस वसूली पर पालकों से की अपील..

प्रतिनिधि।
गोंदिया। युवाओं की आवाज गैरराजनीतिक संगठन ने शिक्षण स्वास्थ्य एवं पंचायत की बिगड़ैल व्यवस्था व प्रशासकीय अधिकारियों की लचर कार्य प्रणाली व भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को ऊंचे पदों पर बैठाए जाने के मामले पर आज पत्रकारो से रूबरू होकर जमकर प्रहार किया।

संगठन के जिलाध्यक्ष सचिन रहांगडाले व अन्य पदाधिकारियों ने सबसे पूर्व शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों पर प्रहार किया। उन्होंने कहा, शासन का आदेश अब सिर्फ कागज रह गया है। इस पर अमल होता कही नहीं दिखाई दे रहा। शिक्षक अपने मुख्यालय में न रहकर आवास भत्ता उठा रहे है, वही शिकायत करने के बावजूद उन्हें वरिष्ठ अधिकारी आशीर्वाद प्रदान कर व्यवस्था को बिगाड़ने में सहायता कर रहे है।

उन्होंने कहा, आज शिक्षा विभाग की लचर कार्यप्रणाली के चलते निजी स्कूलों द्वारा शालेय विधार्थियों से फीस वसूली जारी है। फीस नही तो परीक्षा नहीं का दबाव बनाकर पूरी फीस वसूली जारी है। सीबीएसई के नाम पर लुटा जा रहा है वही सस्ती किताबों व ड्रेस के नाम पर अधिक दाम वसूले जा रहे है। उन्होंने सभी निजी स्कूलों के पालकों से अपील की कि वे युवाओं की आवाज संगठन के माध्यम से अपनी आवाज को उठाने आगे आएं।

संगठन ने कहा, जिले के सभी तालुका स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे कि सुबह के साथ शाम की भी ओपीडी शुरू रखे, पर इसका अमल कही भी नजर नहीं आ रहा। इतना ही नही ग्रामीण स्वास्थ्य अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आदि पर डॉक्टर नदारद रहते है। डॉक्टरों के पद रिक्त होकर एक एक डॉक्टर को 24 घँटे की ड्यूटी दे रहे है।

सचिन रहांगडाले ने कहा, रजेगांव ग्रामीण अस्पताल हाइवे के समीप बनाया गया, बावजूद यहां डॉक्टरों की कमी के चलते दुर्घटना व गंभीर मामलों के प्रकरण आने पर जांच नही होती, बल्कि उन्हें जिला अस्पताल में रेफर करने का खेल जारी है। रजेगांव अस्पताल में 3-4 डॉक्टरों के पद खाली है। डॉक्टरों के पद न भरते हुए एक ही डॉक्टर से दिन रात ड्यूटी करायी जा रही है। उन्होंने कहा इस अस्पताल में डॉक्टरों के क्वार्टर बनाने के नाम पर दो साल पूर्व 40 से 50 लाख रुपये की निधि मंजूर हुई है पर अबतक कोई भी क्वार्टर बनते दिखाई नही दे रहे।

युवाओ की आवाज संगठन ने आगे कहा, वर्ष 2019 में पंचायत समिति के एक वरिष्ठ अधिकारी पर रिश्वत के मामले पर एन्टी करप्शन ब्यूरो द्वारा कार्रवाई की गई थी, बावजुद उस भ्रष्ट अधिकारी को बड़े पदों पर बैठाकर उसे पुरुस्कृत किया जा रहा है। पंचायत समिति में बीडीओ स्तर का पद रिक्त होने पर वहां वरिष्ठ अधिकारी की जगह कनिष्ठ अधिकारी को प्रभार सौंपा जा रहा है। ये सब जानबूझकर किया जाना प्रतीत होता है।

गोंदिया तहसील के ग्राम टेढ़वा में निर्मित ग्राम पंचायत भवन का मामला भी पत्र परिषद में उठाया गया। संगठन ने कहा, टेढ़वा में अनेक ऐसी शासन पड़ित जगह है जहां ग्राम पंचायत अपना भवन बना सकती थी, परंतु ग्राम पंचायत के सरपंच व सचिव ने शासकीय स्कूल के भीतरी परिसर में 5वीं कक्षा की जर्जर इमारत को तोड़कर ग्राम पंचायत भवन बनाने का कार्य किया। इस निर्माण के दौरान शाला व्यवस्थापन समिति, पालकों को विश्वास में नहीं लिया गया। पालकों के विरोध के बावजूद 90 प्रतिशत भवन कार्य किया गया।

उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से अपील की की स्कूल परिसर में ग्राम पंचायत के निर्माणाधीन भवन को स्कूल को आवंटित कर पंचायत को अपनी नई इमारत शासन की अन्य जगह पर बनाने का आदेश दिया जाये।

पत्र परिषद में जिलाध्यक्ष सचिन रहांगडाले, जिला उपाध्यक्ष जाकिर खान, कार्याध्यक्ष शाहरुख पठान, सचिव विजय रहांगडाले, कोषाध्यक्ष चँदाताई सिंघनधूपे, नितिन तुरकर, मंगेश शेंडे, ओमप्रकाश पारधी, जिला समन्वयक नरेंद्र चीखलोंदे, जिला सहसचिव निशाताई साधेपाचे, गोंदिया तालुका अध्यक्ष मुनेश्वर चीखलोंदे, देवरी तालुका अध्यक्ष राजकुमार मेश्राम, सालेकसा तालुका अध्यक्ष अशोक सोनटक्के, विकास गेडाम, मंशाराम ऊके, जितेंद्र मेश्राम, पूर्णिमा धुर्वे आदि की उपस्थिति रही।

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