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ज़ाहिद खान।
गोंदिया: आगामी नगर परिषद चुनाव के मतदान को सिर्फ 13 दिन शेष रह गए है और कल उम्मीदवारी नामांकन का आखरी दिन है। पर गोंदिया शहर के चुनाव में खास बात तो ये बनीं है कि अबतक किसी भी राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टीयों ने अपना नगराध्यक्ष और नगरसेवक का उम्मीदवार घोषित नही किया है।
राजनीतिक पार्टियों में चल रहे इस नए मुंह छुपायी के ट्रेंड (दस्तूर) को लेकर गोंदिया शहर में बड़ी चर्चा चल रही है। एक तरफ खुद उम्मीदवार वेंटिलेटर में है वहीं जनता पूछ रही कि क्या कोई भी ऐसी पार्टी नहीं जो अपना उम्मीदवार घोषित कर पाए?
राजनीतिक पार्टियों द्वारा अपने कार्यकर्ताओं को टिकट न देने की सूरत में गोंदिया नगर परिषद के सभी प्रभागों में तनातनी का वातावरण निर्माण है। एक-एक प्रभाग में अनेक दावेदार संभावित भूमिका में प्रचार कर रहे है। भाजपा के पास तो 5 ऐसे चेहरे है जो नगराध्यक्ष पद की उम्मीदवारी के लिए खुद को फेस कर चुके है। शहर में चुनावी हालात बिगड़े हुए नजर आ रहे है। उम्मीदवार घोषित न करने पर बगावती तेवर भी दिखाए दे रहे है। कुछ जगहों पर नए लोगो को पार्टियों में लेने पर पुराने आंखे तरेर रहे है।
राजनीतिक दलों में प्रत्याशियों के चेहरा छुपाने के इस दस्तूर को लेकर पूरे शहर की जनता तमाशा देख रही हैं। जनता कह रही है हमें राजनीतिक पार्टियां उम्मीदवार थोप रही है। जिससे कोई उम्मीद नहीं वो उम्मीदवार थोपा जा रहा है।
शहर के विकास को लेकर, उसकी प्रगति को लेकर कोई खाका तैयार नहीं है। सडकों की हालत बदहाल है। पुराना पुल का कार्य रुका पड़ा है। नगर परिषद की इमारत जर्जर है। नप स्कूलों की हालात बंद अवस्था में है। गोंदिया नगर परिषद की खुद की वेबसाइट नहीं है। सड़कों में खुदाई आये दिन शुरू है। बिजली की आंखमिचौली बदस्तूर जारी है। बिजली के बिलों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी कोई नही रोक पा रहा। प्रभागों में कचरों का अंबार लगा है। शहर में सीसीटीवी कैमरे नही है। कचरा संकलन और उसके प्रोसेसिंग के लिए जगह नहीं है। एक भी प्रोजेक्ट नही जिससे शिक्षित, अशिक्षित लोगों को रोजगार मिलें। मुख्य बाजार क्षेत्र में अतिक्रमण का बोलबाला है। कोई सिस्टम नहीं, कोई देखरेख नहीं। कोई करने वाला नही, ऐसे में राजनीतिक पार्टियों ने इन मुद्दों पर काम को अंजाम देने वाले नगराध्यक्ष का चेहरा फ्रंट पर लाना था और उसकी ताकत बनने प्रभाग के उम्मीदवारों की घोषणा करना था। पर यहां तो किसी भी राजनीतिक दलों को शहर की प्रगति को लेकर कोई रुचि दिखाई नहीं दे रही।
गोंदिया शहर में तो उम्मीदवारों के मुंह छुपाने के ट्रेंड चल रहा है। जिसने सालों साल शहर के विकास को प्रगति पर लाने कोई योगदान नही दिया, ऐसे लोग सोशल मीडिया पर नगराध्यक्ष पद के संभावित उम्मीदवार बनकर वाहवाही बटोर रहे है।
पूरा तमाशा जनता देख रही है। राजनीतिक दलों के इरादे और वादे भी देख रही है। विचारधारा और संकल्प भी देख रही है। अब 13 दिन बाद जनता के हाथ में है जवाब देने का। देखते है जनता सोच विचार कर अपने शहर का विकास कैसे काबिल लोगों के हाथ सौंपती है।
