गोंदिया नप चुनाव: पार्टियों के रेड सिग्नल की आशंका से टिकट के लिए दलबदलुओं का दौर..

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प्रतिनिधि। 11 नवंबर
गोंदिया। 2 दिसंबर 2025 को होने जा रहे नगर परिषद चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों में अच्छी खासी इनपुट- ऑउट होती नजर आ रही है। गौरतलब यह है कि नगर परिषद का चुनाव 9 साल बाद होने जा रहा है, ऐसे में पार्टियों के लिए पिछले 9 सालों से मेहनत कर रहें शहरी नेता पाव तले जमीन खिसकती देख दलबदलुओं की भूमिका में नजर आ रहे है। ऐसे में जनता ये कहने से जरा भी नही चूक रही कि, ये विचारधारा पर नहीं खुद के राजनीतिक भविष्य को, प्रतिष्ठा को बचाने फेरबदल कर रहे है।
दलबदलुओं का राजनितिक उलटफेर कमोबेश हर पार्टियों में नजर आ रहा है। भंडारा-गोंदिया जिले में अच्छे-अच्छे नगरीय नेताओं की इधर से उधर इनपुट और ऑउट पुट होती साफ देखी जा रही है। राजनीतिक पार्टियां भी दमदार को टिकट देने ऐसे लोगो को हाथों हाथ ले रही है। पार्टियों का मकसद साफ है, उन्हें जीत के आंकड़े बढाकर वर्चस्व कायम करना है।
इस चुनाव में नगर परिषद क्षेत्र की दुर्दशाओं पर कोई इंपैक्ट सामने नहीं आ रहा है। हर कोई बस टिकट के लिए ही भागता, दौड़ता नजर आ रहा है। इनपुट-ऑउटपुट की स्थिति इतनी गंभीर बनी हुई है कि अबतक किसी भी राजनीतिक पार्टियों ने अबतक अपना एक भी उम्मीदवार घोषित नही किया है। यहां तक कि नगराध्यक्ष का उम्मीदवार भी कोमा में है। सारे शहरी नेता मन मसोसकर खुद की सिर्फ संभावित उम्मीदवार दर्शाकर प्रचार प्रसार पर लगे हुए है।
हर प्रभाग में चर्चाओं का दौर जारी हो गया है। एक-एक पार्टी से अनेक उम्मीदवार संभावित उम्मीदवार के तौर पर प्रचार कर रहे है। सबको लग रहा है कि उनकी टिकट फाइनल है पर राजनीतिक पार्टियों की फाइनल लिस्ट ही जारी नही हो रही। इस चुनाव में चुनावी हालात किसी तमाशे से कम नही।
चुनाव को मात्र 19 दिन शेष रह गए है। चुनाव लड़ने वाला इच्छुक उम्मीदवार ऐसी स्थिति में है जिसे न निगलकर हो रहा है न उगलकर। बस सब हाथ पैर मारते नजर आ रहे है। कोई वोटों की गिनती में लगा है तो कोई नमस्कार, चमत्कार में। किसी को प्रभाग और शहर के विकास से कोई लेना देना नहीं।

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