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23 सितंबर 2025।
तिरुवनंतपुरम। अदानी पोट्र्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (APSEZ ) द्वारा विकसित और संचालित विझिंजम इंटरनेशनल सीपोर्ट ने अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल करते हुए “वंडर पोर्ट ऑफ इंडिया” के रूप में अपनी प्रतिष्ठा को और मजबूत किया है।
आज, MSC वेरोना जहाज़ 17.1 मीटर के ड्राफ्ट के साथ विझिंजम पोर्ट पर पहुंचा, जो भारत में अब तक संचालित सबसे गहरे ड्राफ्ट वाले कंटेनर जहाज़ में से एक है। इस खास मौके पर एमएससी वेरोना विझिंजम पर सेवा पाने वाला 500वां जहाज़ बन गया यह उपलब्धि सिर्फ 10 महीनों के वाणिज्यिक संचालन में हासिल हुई, जो दिसंबर 2024 में शुरू हुआ था। विझिंजम पर संभाले गए इन 500 जहाज़ों में से 28 अल्ट्रा लार्ज कंटेनर जहाज़ (यूएलसीवी) थे, जो किसी भी भारतीय पोर्ट पर अब तक दर्ज की गई सबसे बड़ी संख्या है।

इतने कम समय में, विझिंजमने पहले ही 1.1 मिलियन टीईयू (ट्वेंटी इक्विवेलेंट यूनिट्स) हैंडल किए हैं, जो इसकी शुरूआती अनुमानित वार्षिक क्षमता से कहीं अधिक है। ये आंकड़े भारत के समुद्री ढांचे में पोर्ट के रणनीतिक महत्व और वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देने में इसकी बढ़ती भूमिका को दिखाते हैं।

18-20 मीटर की प्राकृतिक गहराई और कम तटीय प्रवाह के कारण, विझिंजम दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर जहाज़ों को आसानी से संभाल सकता है। इसकी इस क्षमता के कारण यह पोर्ट जल्दी ही भारत का प्रमुख डीप- वॉटर ट्रांसशिपमेंट हब बन रहा है, जो देश को प्रमुख अंतरराष्ट्रीय व्यापार मार्गों से जोड़ता है और वैश्विक शिपिंग उद्योग में इसकी स्थिति को मजबूत करता है।
विझिजम की ये उपलब्ध्वियां भारत की बढ़ती समुद्री शक्ति को दर्शाती हैं और दिखाती हैं कि विश्व-स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर और रणनीतिक योजना व्यापार, वाणिज्य और कनेक्टिविटी के लिए नए अवसर कैसे खोल रही हैं। जैसे-जैसे पोर्ट नई ऊँचाइयाँ छू रहा है, यह भारत को वैश्विक शिपिंग और व्यापार नेटवर्क में एक प्रमुख प्रवेश
द्वार के रूप में स्थापित करता है।
विझिंजम अंतराष्ट्रीय बंदरगाह पर पहुँचा था दुनिया का सबसे बड़ा समुद्री कंटेनर जहाज MSC इरीना

विझिंजम अंतराष्ट्रीय बंदरगाह ने अपने शुरुआती 10 माह के अवधि में बड़ी उपलब्धि हासिल कर 500 कंटेनर जहाजों को संभालने की क्षमता को दर्शाकर दुनिया के सामने अपना लोहा मनवा चुका है। इस पोर्ट में दुनिया का सबसे बड़ा कंटेनर जहाज MSC इरीना बर्थ हो चुका है। इसकी क्षमता 24,346 टीईयू है। यह विशाल जहाज 399.99 मीटर लंबा और 61.3 मीटर चौड़ा दर्ज किया गया। वही 16.95 मीटर ड्राफ़्ट के साथ MSC वर्जिनिया, MSC तुर्की, MSC पालोमा, MSC गिरारडेट सहित 28 लार्ज कंटेनर जहाज को संभाल चुका है। आज MSC वेरोना जहाज़ 17.1 मीटर के ड्राफ्ट के साथ विझिंजम पोर्ट पर पहुंचा, जो भारत में अब तक संचालित सबसे गहरे ड्राफ्ट वाले कंटेनर जहाज़ में से एक है।
भारत के समुद्री व्यापार में विश्व स्तर पर उभरता विझिंजम इंटरनेशनल पोर्ट

विझिंजम पोर्ट वैश्विक समुद्री महामार्ग से सिर्फ 18 किमी की दूरी पर अरब सागर पर स्थित है।डीप वाटर सिस्टम इसकी प्राकृतिक गहराई है जो 20 मीटर से अधिक है। भारत का ये पहला अंतराष्ट्रीय पोर्ट है जो दुनिया के बड़े कंटेनर जहाजों को संभालने में सक्षम है। इसकी खास बात ये है कि पोर्ट गहराई के साथ ही अत्याधुनिक कंटेनर हैंडलिंग उपकरण और ऑटोमेशन तकनीक से स्वयचलित है।

2028 तक होगा अडानी का विझींजम पोर्ट भारत के 50℅ ट्रांसशिपमेंट कार्गो संभालने में सक्षम
विझिंजम पोर्ट पहले चरण में 1 मिलियन टीईयू के साथ अपनी शुरुवात की और ये आंकड़ा उसने सिर्फ 8 माह में ही पूरा कर लिया। 2028 तक उसका लक्ष्य 5 मिलीयन टीईयू तक बढाने का है। विझिंजम इंटरनेशनल पोर्ट आने वाले सालों में ये भारत के 50 प्रतिशत कार्गो को संभालने में सक्षम होगा, जो वर्तमान में दुबई, कोलंबो और सिंगापुर जैसे पोर्ट्स द्वारा संभाला जा रहा है।

विझिंजम पोर्ट बन रहा वैश्विक समुद्री मार्ग का प्रवेश द्वार..
विझिंजम पोर्ट अपने प्राकृतिक डीप वाटर सिस्टम और कंटेनर हैंडलिंग, ऑटोमेटेड सिस्टम के अत्याधुनिक तकनीक के कारण सक्षम बनता जा रहा है। ये वैश्विक समुद्री मार्ग से महज 19 किमी की दूरी पर होने से इसे कार्गो संभालने में बेहतर सुविधा प्राप्त हो रही है। भारत के आयात-निर्यात में ये वरदान साबित हो रहा है। पहले भारत के पास इतनी गहराई में समुद्री बंदरगाह व्यवस्था न होने से समुद्री कार्गो को कोलंबो, दुबई, सिंगापुर पर आश्रित होना पड़ता था जिससे समय के साथ ही लागत खर्च भी अत्यधिक उठाना पड़ता था, पर अब विझिंजम पोर्ट से वैश्विक स्तर पर कार्गो आसान, सुलभ और कम लागत का हो गया है। इससे देश की अर्थ व्यवस्था को बढ़ावा मिल रहा है।
विझिंजम इंटरनेशनल सी पोर्ट सीधे हवाई कार्गो के लिए तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट और सड़क रास्ते से परिवहन हेतु नेशनल हाइवे 66 से जुड़ा हुआ है। निकट भविष्य में अदानी इस अन्तर्राष्ट्रीय बंदरगाह को रेल मार्ग से भी जोड़ने की योजना बना चुका है।