घेउन जा गे मारबत..उत्सव और जोश के साथ निकली गोंदिया की बडग्या काली-पीली मारबत..

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प्रतिनिधि। 24 अगस्त
गोंदिया। 30 वर्षों से चली आ रही परंपरा को बरकरार रखते हुए आज सुबह 6 बजे धूमधाम से निकली गोंदिया शहर की चर्चित बडग्या काली-पीली मारबत लोगो के आकर्षण का केंद्र रही।
विशाल बडग्या काली-पीली मारबत शहर के श्रीनगर स्थित मालवीय स्कूल के पास से दिलीप मिश्रा के मार्गदर्शन में भव्य रूप में जुलूस निकालकर की गई। इस दौरान ढोल-नगाड़ों और ताशों की आवाज के साथ नागरिकों ने ईड़ा-पीड़ा, राई रोग घेउन जा गे मारबत के नारे लगाए गए। और अंत में उसका दहन किया गया।

ये मारबत उत्सव गोंदिया की संस्कृति का अभिन्न अंग है. पिछले 30 वर्षों से इसे मनाया जा रहा है। इस उत्सव का ऐतिहासिक, पौराणिक और धार्मिक महत्व है. इस उत्सव को देखने सैकड़ो लोगों का माहौल बना हुआ रहा।

मारबत उत्सव न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि समाज में व्याप्त कुरीतियों की निंदा करने और एक सामाजिक संदेश देने का एक प्रभावी माध्यम भी है. इसीलिए यह उत्सव हर साल नए जोश के साथ मनाया जाता है. इन दोनों मारबतों की पूजा करने के लिए बड़ी संख्या में नागरिक उमड़ पडे. काली मारबत को बुराई का प्रतीक माना जाता है. जबकि, पिली मारबत को देवी का एक रूप माना जाता है.

मारबत उत्सव को सफल बनाने में दिलीप भैय्या मिश्रा, बंटी मिश्रा के मार्गदर्शन में पंकज मिश्रा, विक्रांत मिश्रा, जगदीश तिड़के, राजू डहाके, क्रिष्णा डहाके, मुकेश टेंभुर्णे, रमेश दवारे, सुरेश दवारे, अरुण तिड़के, पप्पु गुप्ता, अनूज तिवारी, चैतन्य यादव, महेश ढाले, सुनील ढाले आदि ने सहयोग किया।

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