जीडीसीसी बैंक चुनाव: “परिवर्तन” के लिए पटोले तो “सहकार” के लिए पटेल मांग रहे आशिर्वाद…

105 Views
प्रतिनिधि। 16 जून
गोंदिया। गोंदिया जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक चुनाव अब रोमांचित हो गया है। दो पैनल एक-दूसरे के सामने डटी हुई है। कांग्रेस, वर्षों से चली आ रही एकाधिकार परंपरा को हटाने परिवर्तन लाने का प्रयास कर रही है वहीं बैंक में खुद को किसानों की हमदर्द और सहकारीता दर्शाने सहकार पैनल पुनः सत्ता काबिज करने का प्रयास कर रही है। कुल मिलाकर बैंक चुनाव अब एक्शन मोड़ में आ गया है।
कांग्रेस, जीडीसीसी बैंक के 20 संचालक प्रतिनिधि हेतु परिवर्तन पैनल पर चुनाव लड़ रही है वही एनसीपी-भाजपा युति के तहत 10-10 के फार्मूले के तहत सहकार पैनल से चुनाव लड़ रही है।
कुछ दिनों पहले गोंदिया आये कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक नाना पटोले ने बैंक के सत्तासीन पर गंभीर आरोप लगाकर परिवर्तन लाने की हुंकार भरी थी। उन्होंने कहा था कि बैंक में इस बार कांग्रेस का झंडा लहराएगा। कांग्रेस नेता नाना पटोले के तीखे प्रहार से कांग्रेस उम्मीदवारों में जोश भर गया और वे डबल गति से चुनाव प्रचार में मतदाताओं से परिवर्तन लाने आशिर्वाद लेने निकल पड़े।
अब नाना पटोले के बाद देश के नेता, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वर्तमान में राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल भी सहकार पैनल के पक्ष में खड़े होकर फ्रंट में आ गए है। सांसद प्रफुल पटेल ने अपने दौरे के दौरान सड़क अर्जुनी के तेजस्विनी लॉन में भाजपा-एनसीपी के उम्मीदवारों एंव पदाधिकारियों की बैठक लेकर चुनाव पर महत्वपूर्ण चर्चा की।
प्रफुल्ल पटेल ने बैठक में कहा, सहकारी क्षेत्र के विकास, सक्षम नेतृत्व, सुशासन एवं बेहतर प्रशासन तथा किसानों, कृषि मजदूरों, उपभोक्ताओं एवं आम जनता के हित में सहकार पैनल ने बेहतर कार्य किया है। आगे भी बैंक इसी तरह सर्वहित में काम करता रहे इस हेतु सहकार पैनल के सभी प्रत्याशियों को विजयीश्री दिलाने का प्रयास करें।
बता दे कि, जीडीसीसी बैंक का चुनाव करीब 13 साल बाद होने जा रहा है। चुनाव में बैंक प्रतिनिधि हेतु बड़े-बड़े दिग्गज मैदान में है। इनमें पूर्व विधायक एवं बैंक के पूर्व अध्यक्ष राजेन्द्र जैन, राज्य के पूर्व केबिनेट मंत्री रहे वर्तमान विधायक राजकुमार बडोले, तिरोड़ा से विधायक विजय रहांगडाले, पूर्व विधायक दिलीप बंसोड़, पूर्व विधायक भेरसिंग नागपुरे सहित बैंक के पूर्व संचालक भी मैदान में है।
29 जून को होने जा रहे इस बैंक चुनाव में राजनीतिक पार्टियों का हस्तक्षेप चुनाव को रोमांचित बना रहा है। दोनों पैनल जीत के लिए सारे हथकंडे अपना रही है। अब देखना ये है कि बैंक चुनाव में बाजी कौन मारता है।

Related posts