दरियादिली: अपर जिलाधिकारी, रोज जाते है मांग गारुड़ी बस्ती, लेते है गरीब बच्चों की क्लॉस..

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प्रतिनिधि। 14 जून
गोंदिया। अभी हाल ही एक माह पूर्व गोंदिया जिले में अपर जिलाधिकारी के पद पर पदस्थ हुए मिनाज़ मुल्ला अपनी कार्यशैली से चर्चा में आ गए है। इस वरिष्ठ अधिकारी की दरियादिली की मिसाल से पूरे जिले में वाहवाही हो रही है।
दरअसल कुछ दिनों पूर्व जिलाधिकारी कार्यालय में अपर जिलाधिकारी मिनाज़ मुल्ला ने भटके विमुक्त कल्याणकारी परिषद के कार्य तथा कुड़वा के मांग गारोड़ी बस्ती में गरीब बच्चों की प्रशांत बोरसे सर द्वारा चलाई जा रही शाला के विषय पर बैठक की थी। अपर जिलाधिकारी इस शाला के संचालन से बहोत प्रभावित हुए और उन्हें बच्चों की ललक मांग गारोड़ी बस्ती तक खींच लायी।
अपर जिलाधिकारी मिनाज़ मुल्ला ने उसी शाम कुड़वा के मांग गारोड़ी बस्ती स्थित पालावरची शाला को भेंट दी। वे गर्मी के छुट्टियों के दिनों में भी बच्चों को पढ़ाई करता देख बहोत खुश हुए। मिनाज मुल्ला ने बच्चों से ढेर सारी बातें की।
और बच्चों में डिसिप्लिन, सुव्यवस्था देखकर शाला की सराहना भी की।
अपर जिलाधिकारी मिनाज मुल्ला बच्चों से इतने प्रभावित हुए की उन्होंने ये कह दिया कि, ” मुझे भी इन पालावर्ची शाला में बच्चों को पढाना है”। इतना कहकर वे चले गए। शाला के मुख्यकर्ता प्रशांत बोरसे सर कहते है कि, शाला पर मिलने आए कुछ अतिथि अथवा अधिकारियों को इस पवित्र, नेक कार्य में अपना भी सहभाग हो ऐसी इच्छा होती है। लेकिन अधिकारियों की व्यस्तता के कारण समय निकाल पाना मुश्किल होता है।
 पर उन्होंने आगे लिखा, “लेकिन उसके दूसरे ही दिन अपर जिलाधिकारी मीनाज मुल्ला सर बच्चों को पढ़ाने पालावरची शाला पहुँच गए। अपर जिलाधिकारी सर ने 7:30 से 9 के बीच में बच्चों को बेसिक गणित पढ़ाकर होमवर्क दिया, और मैं कल फिर आऊंगा यह कहकर चले गए।
प्रशांत बोरसे लिखते है, उसके बाद से अपर जिलाधिकारी सर लगातार 2 दिनों से यहां आ रहे हैं। बच्चों को मूल संख्या सम- विषम संख्या इत्यादि गणित की छोटी-छोटी बातें सिखा कर बच्चों को गणित यह विषय कितना सरल है यह समझा कर गणित के प्रति बच्चों की रुचि बढ़ा रहे हैं।
कल प्रशासकीय स्तर पर अचानक ऑनलाइन बैठक के कारण सर देर तक व्यस्त थे, फिर भी रात को लेट आकर कुछ समय के लिए बच्चों को पढ़ाकर अपनी दरियादिली की मिसाल दी।
प्रशांत बोरसे लिखते है, एक उच्च पदस्थ, व्यस्त प्रशासनिक अधिकारी होकर भी मीनाज सर की सादगी, सिंपलीसिटी, बच्चों में घुल मिल जाने की कला यह बहुत ही भावुक और सराहनीय लगी। हम भटके विमुक्त कल्याणकारी परिषद की ओर से ऐसे वरिष्ठ अधिकारी का हॄदय से आभार व्यक्त करते है।

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