आदेश जारी होते है पर धनराशि समय पर नही मिलती, सरकार फसलों के क्षति के मानदंडों को लचीला बनाये- डॉ. परिणय फुके

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सब्सिडी बढ़ाकर तीन हेक्टेयर करने का निर्णय किसानों को राहत देने वाला

मुंबई: मुंबई में चल रहे विधान परिषद के बजट सत्र का तीसरा सप्ताह चल रहा है। विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के दौरान विधायक डा. परिणय फुके ने हर साल भारी बारिश के कारण किसानों को होने वाले नुकसान का मुद्दा उठाया।
महाराष्ट्र के कई हिस्सों में भारी और बेमौसम बारिश के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है। जिसके कारण बाग-बगीचे, सब्जी और अनाज की फसलें नष्ट हो गई हैं।
डॉ फुके, ने सदन में बताया कि राज्य के किसान पहले से ही विभिन्न समस्याओं से ग्रस्त हैं, वहीं प्रकृति की मार से भी उन पर भारी मार पड़ी है। इसलिए राज्य सरकार को इस नुकसान को दूर करने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।
किसानों को सहायता प्राप्त करने के मानदंडों को अधिक लचीला बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने मांग की कि सरकार फसल का आकलन कराए और राहत के लिए तुरंत धनराशि जारी करे।
पारंपरिक अनाज की तुलना में बागों और सब्जियों को अधिक नुकसान होता है। प्याज, केला, पपीता, संतरा, खट्टे फल, अनार और अंगूर जैसे महत्वपूर्ण बागों को भारी नुकसान हुआ है।
इस ओर ध्यान आकर्षित करते हुए फुके ने पूछा कि बेमौसम ओलावृष्टि से राज्य भर में 2,500 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फसलें प्रभावित हुई हैं। ऐसे में सरकार ने कितने प्रस्तावों को मंजूरी दी है और कितने किसानों को वास्तव में सहायता मिली है?
श्री फुके ने पुरजोर मांग की कि सरकार को क्षति के मानदंडों को लचीला बनाना चाहिए तथा मुआवजा देते समय किसानों की दुर्दशा को ध्यान में रखना चाहिए। क्या मुआवजे की राशि का निर्धारण बागों के लिए अलग-अलग मानदंड लागू करके किया जा रहा है? उन्होंने यह प्रश्न उठाया।
विधान परिषद में जवाब देते हुए मंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य आपदा राहत कोष के मानदंडों से आगे जाकर, शुष्क भूमि फसलों के लिए 13,600 रुपये प्रति हेक्टेयर, बागवानी फसलों के लिए 27,000 रुपये प्रति हेक्टेयर तथा बारहमासी बागों के लिए 46,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता स्वीकृत की गई है।
हालांकि केंद्र सरकार अभी सिर्फ 2 हेक्टेयर तक ही मुआवजा दे रही है, लेकिन राज्य सरकार ने इसे बढ़ाकर 3 हेक्टेयर करने का बड़ा फैसला लिया है।
परिणय फुके ने सरकार से राज्य भर के किसानों को तत्काल मुआवजा देने की पुरजोर मांग की। उन्होंने प्रक्रिया में तेजी लाने की आवश्यकता जताते हुए कहा कि आदेश तो जारी हो जाता है, लेकिन धनराशि समय पर नहीं मिलती, जिससे किसानों के सामने भारी संकट खड़ा हो जाता है।
यद्यपि सरकार का यह निर्णय निश्चित रूप से राहत देने वाला है, लेकिन यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि धनराशि कितनी शीघ्रता से वितरित की जाती है। इस निर्णय से किसानों को वित्तीय सहायता मिलेगी, लेकिन यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वास्तविक धनराशि कितनी जल्दी वितरित की जाती है। डॉ. फुके ने कहा कि राज्य भर में किसानों को हुए नुकसान को देखते हुए समय पर सहायता मिलना जरूरी है।

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