जब नहीं मिला कोई चारा, तो शिवसेना बनीं डूबते को तिनके का सहारा..

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पूर्व विधायक मनोहर चन्द्रिकापुरे और बेटे सुगत ने थामा उपमुख्यमंत्री शिंदे का धनुष बाण..

जावेद खान।
गोंदिया। जिले में अब राजनीतिक उथल पुथल चरम पर है। राजनीति में कोई मिली करारी शिकस्त का बदला लेना चाहता है तो कोई पक्ष में अपमानित करने का बदला। कल तक जो प्रफ़ुल्ल पटेल के आशिर्वाद से NCP से आमदार हुआ करते थे, बराबर में बैठकर ठिठोली करते रहते थे, आज वो टिकट कटने से पार्टी से दूर होकर शिवसेना में दिखाई दे रहे है।
नेताओं की राजनीति अब विचारधारा या आमजन से जुड़ी नही रह गई है। राजनीति तो नेताओं के लिए स्वार्थी कपड़े हो गई है। खुद को बरकरार रखने जब चाहा, पहना, जब चाहा उतार कर फेंक दिया।
कुछ ऐसा ही अब जिले में दिखाई दे रहा है। कुछ माह पूर्व संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में गोंदिया जिले की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित मोरगाँव अर्जुनी सीट से चुनाव पूर्व प्रफुल पटेल की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से विधायक रहे मनोहर चन्द्रिकापुरे की टिकट काटकर, इस सीट से भाजपा के पूर्व विधायक राजकुमार बडोले को NCP से टिकट दी गई थी। वजह क्या होगी ये तो राजनीतिक समीकरण के तहत नेताओं को ही पता है। पर मनोहर चन्द्रिकापुरे की टिकट कटने से वे इतने बौखला गए कि सीट को पाने की चाह में बागी तेवर अपनाकर अपने बेटे सुगत चन्द्रिकापुरे को प्रहार संगठना में प्रवेश कराकर उन्हें चुनाव में उतार दिया।
चुनाव में मनोहर चन्द्रिकापुरे के बेटे को करारी शिकस्त मिली। राजकुमार बडोले को NCP के साथ ही भाजपा के जबरदस्त वोट मिले और वे प्रचंड मतों से चुनाव जीत गए।
मनोहर चन्द्रिकापुरे, उनके बेटे सुगत चन्द्रिकापुरे ने पूरी फील्डिंग लगाई थी कि बडोले को चुनाव हराकर प्रफ़ुल्ल पटेल के समीकरण को मुंहतोड़ जवाब देंगे। पर ऐसा नही हुआ, जनता ने चन्द्रिकापुरे के इन मंसूबो पर पानी फेर दिया।
अब जब चन्द्रिकापुरे पिता-पुत्र की राजनीतिक धरातल कमजोर दिखने लगी तो, वे महायुती सरकार में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे से जा मिले और शिवसेना में प्रवेश कर धनुष बाण थाम लिया।
राजकुमार बडोले के बारे में कहा जाता है कि इस सीट से महायुती भाजपा टिकट की मांग कर रही थी, वही NCP इस सीट से अपनी मांग पर अड़ी हुई थी। राजकुमार बडोले ऐसा चेहरा था जो भाजपा के साथ NCP भी उसे पसंद करती थी। यही वजह रही कि बडोले की लोकप्रियता को देख BJP-NCP ने समझौता कर बडोले को NCP से टिकट देकर इस सीट को बचाने का कार्य किया।
ख़बर है उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे 20 फरवरी को देवरी में कार्यकर्ता सम्मेलन में आ रहे है। इसी दिन चन्द्रिकापुरे भी उपमुख्यमंत्री को सड़क अर्जुनी में लाएंगे और अनेक कार्यकर्ताओं का शिवसेना में प्रवेश करायेंगे। सूत्र बताते है कि देवरी आमगांव सीट से कांग्रेस के विधायक रहे सहेसराम कोरोटे भी कांग्रेस से टिकट कटने पर अपमान का बदला लेने शिवसेना में प्रवेश कर सकते है। अगर ऐसा होता है तो जिले की दो विधानसभा सीटों पर शिवसेना दो पूर्व विधायको के नेतृत्व में मजबूत होने का कार्य करेंगी।

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