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जावेद खान।
गोंदिया। आगामी 20 नवंबर को होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक समीकरण और रोचक होता जा रहा है। गोंदिया जिले की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट अर्जुनी मोरगाँव से केबिनेट मंत्री रह चुके महायुति से राकांपा प्रत्याशी राजकुमार बडोले, महाविकास आघाडी से कांग्रेस के जिलाध्यक्ष दिलीप बंसोड़ और विधायक मनोहर चन्द्रिकापुरे के पुत्र सुगत चंद्रिकापुरे सहित अन्य उम्मीदवार मैदान में है।
यहां दिलचस्प ये है कि अर्जुनी मोरगाँव विधानसभा सीट से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से विधायक मनोहर चंद्रिकापुरे को पार्टी ने टिकट न देते हुए भाजपा से दो बार इस सीट से विधायक और केबिनेट मंत्री रहे राजकुमार बडोले को टिकट देकर पूरा राजनीतिक समीकरण ही बदल दिया है।
गौरतलब है कि महायुति में शामिल भाजपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस इस सीट से टिकट की दावेदारी पर अड़ी हुई थीं। महायुति में सीट शेयरिंग फार्मूले के तहत इस सीट पर भाजपा का दावा मजबूत था, परंतु वर्तमान विधायक एनसीपी से चंद्रिकापुरे के रहने से असमंजस की स्थिति निर्माण हो रही थीं। महायुति ने सीट को बचाने बडोले पर दांव खेला और उन्हें एनसीपी की घड़ी पहनाकर मैदान में उतारा।
भाजपा के राजकुमार हर हाल में चुनाव लड़ना चाहते थे। उन्हें पूर्णतः भाजपा का सपोर्ट था। इसी स्थिति को देख महायुति का धर्म निभाते हुए चन्द्रिकापुरे की टिकट काटकर राजकुमार बडोले पर बड़ा दांव खेला गया।
वर्तमान में महायुति में एनसीपी के साथ ही पूरी भाजपा मनमुराद के साथ राजकुमार बडोले के लिए मैदान में उतरी हुई है। बडोले को मिल रही डबल ताकत से विपक्ष के तौर पर खड़े प्रत्याशियों के हौसले पस्त हो रहे है।
विधायक मनोहर चंद्रिकापुरे को टिकट न मिलने पर उनके बेटे डॉ. सुगत चंद्रिकापुरे इसे अपमान, गद्दारी मानकर उसका बदला लेने मैदान में उतर गए है। वही महाविकास आघाड़ी से कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिलीप बंसोड़ को उम्मीदवार बनाया गया है। दिलीप बंसोड़ को उनके पैतृक गांव तिरोडा छोड़कर अर्जुनी मोरगाँव से टिकट देने पर स्थानीय कांग्रेसी नेता नाराज़ है, जिसके चलते विरोध दर्शाने पर निलबंन की कार्रवाई भी हो चुकी है।
कुल मिलाकर कुछ उम्मीदवार जोश में है तो कुछ ताकत लगाने का प्रयास कर रहे है तो कुछ गद्दारी का बदला लेने मैदान में डटे हुए है। आगामी चुनाव में जनता किसे अपना जनप्रतिनिधित्व सौंपती है ये अर्जुनी मोरगाँव के लिए दिलचस्प होंगा।