डिप्टी सीएम श्री फडणवीस ने भेजा संदेश, 33 घण्टों से चल रहा आंदोलन समाप्त..
प्रतिनिधि। 29 अगस्त
गोंदिया। पिछले 33 घण्टों से विधायक कार्यालय के समक्ष धान बिक्री के भूगतान को लेकर आंदोलन कर रहे चुटिया ग्राम के करीब 600 से अधिक किसानों ने आज विधायक विनोद अग्रवाल के सतत सरकार से संपर्क और प्रयास के चलते समाधानकारक निर्णय होने पर अपना आंदोलन समाप्त कर दिया है। स्वयं उपमुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस द्वारा विधायक विनोद अग्रवाल को मैसेज देकर इसकी जानकारी दी गई।
इस आंदोलन के समाप्त होने पर विधायक विनोद अग्रवाल ने कहा, वे सदैव किसान हितों पर कार्य करने वाले सेवक है। उन्होंने कहा जिन लोगों ने गलती की है, किसानों से धोखाधड़ी की है उनपर कार्रवाई हेतु वे किसानों के साथ लड़ाई जारी रखेंगे।
विधायक श्री अग्रवाल ने निरंतर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री, देवेंद्र फडणवीस, अन्न आपूर्ति मंत्री, मार्केटिंग फेडरेशन के प्रधान सचिव भांगे, फेडरेशन के व्यवस्थापकीय संचालक तैलंग आदि से किसानों के समक्ष चर्चा की और व्यथा सुनाई। 31 जुलाई के मुख्यमंत्री को भेजे पत्र व मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्ताव भेजने के निर्देश मिलने पर भी 29 अगस्त तक किसानों के धान का भुगतान न करने पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से विस्तार पूर्वक चर्चा की।
इस मामले पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने तत्काल किसानों के धान बिक्री के भुगतान को लेकर प्रस्ताव मंत्रालय भेजने के निर्देश दिए और जल्द धान का भुगतान करने हेतु निर्णय लेकर आश्वस्त किया कि सरकार किसानों के साथ न्याय करेंगी।
किसानों की समस्या पर सरकार द्वारा सकारात्मक निर्णय लेने पर सभी चिंतित किसान भाइयों ने समाधान व्यक्त किया। उन्होंने कहा, विधायक विनोद अग्रवाल के निरंतर प्रयासों से हमें न्याय मिला है। सभी किसान भाइयों ने 29 अगस्त की रात्रि 8.30 बजे के दौरान अपना आंदोलन समाप्त कर घर लौट गए।
ये था मामला…
तहसील के ग्राम चुटिया की श्रीराम अभिनव सेवा सहकारी संस्था ने किसानों से खरीफ व रब्बी सीजन धान की शासकीय समर्थन मूल्य पर खरीदी की थी। करीब 600 से अधिक किसानों ने हजारों क्विंटल धान बिक्री किया था। परंतु शासन स्तर पर तीन माह बीत जाने के बावजूद धान का भुगतान न मिलने से किसानों ने विधायक विनोद अग्रवाल के समक्ष मामला संज्ञान में लाकर समाधान की बात की थी।
विधायक विनोद अग्रवाल पिछले डेढ़ माह से किसानों को धान के चुकारे दिलाने हेतु प्रयासरत रहे। उन्होंने अधिकारियों से लेकर शासन स्तर पर आवाज बुलंद की पर संस्था और अधिकारियों की मिलीभगत के चलते भूगतान नही हो पा रहा था। संस्था ने जिस धान की खरीदी की वो शासन को जमा नही की जिसके चलते फेडरेशन ने धान का भुगतान रोक दिया था। पर अब स्थिति साफ हो गई है। सरकार के किसानों के रुके हुए धान के भुगतान पर निर्णय लेने पर किसानों में खुशी जाहीर की।