346 Views
गोंदिया के नसीब खराब, मंत्रिपद न मिलने से फिर छायी मायूसी..
प्रतिनिधि।
गोंदिया। आज 18 जनवरी को महाराष्ट्र राज्य में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित अनेक मंत्रियों ने जिलों का पालकत्व का अधिकार सौंपा गया है। इनमें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिले का पालकत्व स्वीकार किया।
गोंदिया जिले को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से केबिनेट मंत्री बाबासाहेब पाटील को पालकमंत्री बनाया गया है। श्री पाटिल लातूर जिले के अहमदपुर सीट से विधायक है। गोंदिया जिले की चारों सीटों पर 3 भाजपा, 1 एनसीपी जितने के बावजूद एक भी मंत्रिपद न मिलने और पालकमंत्री न मिलने से जनता में मायूसी बनीं हुई है। इसके पूर्व भी डॉ. परिणय फुके के बाद पांच मंत्रियों को पिछली सरकार में पालकमंत्री बनाया चुका है। अब देवेंद्र फडणवीस सरकार में भी बाहरी मंत्री के हाथ गोंदिया जिले की बागडोर सौंपी गई है।
भंडारा जिले को भाजपा से मंत्री संजय सावकारे को पालकमंत्री पद सौंपा गया है। वहीं गडचिरोली को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सहायक के रूप में सह पालकमंत्री के रूप में रामटेक से शिवसेना विधायक व मंत्री एड. आशीष जायसवाल को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
पालकमंत्री की लिस्ट में नागपुर और अमरावती की जिम्मेदारी चंद्रशेखर बावनकुले, चंद्रपुर के जिम्मेदारी अशोक ऊइके को सौंपी गई।
गोंदिया जिले में तिरोडा विस सीट से तीन बार के विधायक विजय रहांगडाले, गोंदिया में पहली बार भाजपा का कमल खिलाने वाले दूसरी बार रेकॉर्ड मतों से जीत दर्ज करने वाले विनोद अग्रवाल एवं अर्जुनी मोरगाँव से एनसीपी के विधायक एवं पूर्व केबिनेट मंत्री राजकुमार बडोले को मौका न मिलने पर गोंदिया की जनता में मायूसी बनी हुई है।
गोंदिया की जनता कह रही है कि गोंदिया के नसीब में सिर्फ झंडा मंत्री ही है जो सिर्फ 26 जनवरी, 15 अगस्त और नियोजन समिति की बैठक में ही मौजूद होते है। गोंदिया के विकास को लेकर ध्यान देने वाला कोई नही।